ATM Charge Hike: अगर आप महीने में कई बार ATM से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको हर निकासी की कीमत चुकानी पड़ सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियमों के मुताबिक, 1 मई 2025 से फ्री लिमिट के बाद हर बार ATM इस्तेमाल करने पर आपको ₹23 + GST चार्ज देना होगा. पहले यह शुल्क ₹21 था, जिसे अब बढ़ा दिया गया है.
RBI ने क्यों बढ़ाया ATM ट्रांजैक्शन चार्ज?
28 मार्च 2025 को RBI ने एक अधिसूचना जारी कर बैंकों को ATM ट्रांजैक्शन शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी थी. इसके पीछे कारण बताया गया कि ATM का ऑपरेशन, रख-रखाव, सुरक्षा और नकद प्रबंधन महंगे हो गए हैं. साथ ही, डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन से ATM का उपयोग घटा है, जिससे बैंकों के लिए लागत निकालना मुश्किल हो गया है.
1 मई से देश के बड़े बैंकों में लागू हुआ नया शुल्क
इस नियम को SBI, HDFC Bank, PNB और IndusInd Bank जैसे बड़े बैंकों ने पहले ही लागू कर दिया है. अब इन बैंकों में:
फ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजैक्शन पर ₹23 + GST देना होगा.
यह शुल्क देशभर के सभी ATM और Cash Recycler Machines पर लागू होगा.
ATM फ्री लिमिट क्या है?
आपके खाते में ATM से कितनी बार मुफ्त लेनदेन किया जा सकता है, यह आपके बैंक और शहर की श्रेणी पर निर्भर करता है:
- अपने बैंक के ATM पर – महीने में 5 ट्रांजैक्शन (फाइनेंशियल + नॉन-फाइनेंशियल) फ्री
- दूसरे बैंक के ATM पर:
- मेट्रो शहरों में – 3 फ्री ट्रांजैक्शन
- नॉन-मेट्रो शहरों में – 5 फ्री ट्रांजैक्शन
- इसके बाद हर बार ट्रांजैक्शन पर ₹23 + GST देना होगा.
नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन भी अब फ्री नहीं!
ATM का सिर्फ पैसे निकालना ही नहीं, बल्कि बैलेंस चेक, मिनी स्टेटमेंट, पिन चेंज जैसे कार्य भी अब मुफ्त नहीं रह गए हैं. उदाहरण के तौर पर:
PNB ने स्पष्ट किया है कि नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर ₹11 + टैक्स चार्ज किया जाएगा.
यानी अब ATM इस्तेमाल से पहले सोच-समझकर योजना बनानी होगी.
Cash Recycler Machines पर भी लागू होंगे चार्ज (CRM Charges)
अगर आप Cash Recycler Machine (CRM) से नकद जमा या निकासी करते हैं, तो वहां भी यह चार्ज फ्री लिमिट के बाद लागू होगा. इसलिए CRM को भी ATM ट्रांजैक्शन के बराबर समझा जाए.
ATM इस्तेमाल करते समय रखें ये बातें ध्यान में
- ट्रांजैक्शन गिनती में रखें
हर महीने कितने बार आपने ATM का उपयोग किया, इसकी निगरानी रखें, ताकि फ्री लिमिट पार न हो. - डिजिटल ऑप्शन का करें इस्तेमाल
UPI, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट जैसे विकल्पों को प्राथमिकता दें. ये सुविधाएं अक्सर फ्री और सुरक्षित होती हैं.
- एक बार में ज्यादा कैश निकालें
बार-बार ATM जाने के बजाय एक बार में जरूरत के हिसाब से ज्यादा पैसे निकालना बेहतर है.
- अपने बैंक की लिमिट जानें
हर बैंक की फ्री लिमिट अलग होती है, इसलिए अपने बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट या ब्रांच से जानकारी जरूर लें.
- डिजिटल बैंकिंग को अपनाएं
बैलेंस चेक, स्टेटमेंट डाउनलोड, पिन रीसेट जैसे कार्य मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग से घर बैठे किए जा सकते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों पर पड़ेगा ज्यादा असर
जो ग्राहक बार-बार नकदी निकालते हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां डिजिटल पेमेंट अब भी सीमित हैं – वहां इस फैसले का असर अधिक महसूस होगा. इससे उनकी मासिक वित्तीय योजना प्रभावित हो सकती है.
फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं
सरकार या RBI की ओर से इस पर पुनर्विचार की कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, जनता के विरोध या डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के बाद कभी आगे चलकर इसपर छूट या संशोधन संभव हो सकता है.
ATM अब सिर्फ पैसा निकालने की मशीन नहीं, खर्च बढ़ाने की वजह भी
ATM ट्रांजैक्शन शुल्क में बदलाव के बाद अब जरूरत है कि हम अपनी फाइनेंशियल आदतों में बदलाव लाएं. जितना संभव हो डिजिटल ट्रांजैक्शन को अपनाएं, खर्च की योजना बनाएं और हर महीने के ATM उपयोग की निगरानी करें. स्मार्ट बैंकिंग ही अब समझदारी है.