Nagpur Mumbai Expressway: देश की रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें लगातार बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं. इस कड़ी में अब नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है. लगभग 700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे, महाराष्ट्र की आवागमन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है.
अधूरा सेक्शन भी हुआ पूरा, अब पूरे रूट पर होगी यात्रा
इस प्रोजेक्ट का एक हिस्सा, यानी 76 किलोमीटर लंबा अधूरा सेक्शन, जो पहले निर्माणाधीन था, अब वह भी पूरा कर लिया गया है. अब यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह चालू होने के लिए तैयार है. अधिकारियों के अनुसार, महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MSRDC) द्वारा इस एक्सप्रेसवे को 15 मार्च के आसपास पूरी तरह से जनता के लिए खोला जा सकता है.
2015 में मिली थी मंजूरी, 10 साल में हुआ सपना साकार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रोजेक्ट को साल 2015 में मंजूरी दी थी. करीब 10 साल के लंबे इंतजार और चरणबद्ध निर्माण कार्य के बाद अब यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह बनकर तैयार है. इस परियोजना ने लॉजिस्टिक, ट्रैवल और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ा कदम साबित किया है.
सफर होगा आधा, समय और ईंधन दोनों की बचत
पहले जहां मुंबई से नागपुर का सड़क मार्ग 16 घंटे का सफर होता था, अब यह दूरी सिर्फ 8 घंटे में तय की जा सकेगी. इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की खपत और पर्यावरण पर प्रभाव भी कम पड़ेगा. यात्री और व्यापारिक क्षेत्र दोनों के लिए यह सुविधा अत्यंत फायदेमंद साबित होगी.
16 चरणों में हुआ निर्माण कार्य
इस परियोजना को कुल 16 फेज़ में पूरा किया गया है. इसे महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MSRDC) द्वारा विकसित किया गया है. यह राज्य के 9 जिलों और 390 गांवों से होकर गुजरता है. इसे आधिकारिक रूप से हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग नाम दिया गया है.
जानिए किन जिलों से होकर गुजरता है समृद्धि मार्ग
यह महामार्ग नासिक, औरंगाबाद, वर्धा, अमरावती, वाशिम, बुलढाणा, जालना, अहमदनगर और ठाणे जैसे प्रमुख जिलों से होकर गुजरता है. इस रूट पर कई महत्वपूर्ण औद्योगिक और कृषि क्षेत्र भी स्थित हैं, जिससे आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी.
वाइल्डलाइफ के लिए विशेष संरचना
एक्सप्रेसवे की खासियतों में शामिल है कि इसमें तीन वाइल्डलाइफ सेंचुरी के लिए अंडरपास और ओवरपास बनाए गए हैं, ताकि जंगली जीवों की आवाजाही में बाधा न आए. यह एक इको-फ्रेंडली निर्माण नीति का बेहतरीन उदाहरण है.
इंफ्रास्ट्रक्चर में नया आयाम
इस रोड प्रोजेक्ट में 33 बड़े पुल, 274 छोटे ब्रिज, 6 सुरंगें, और 65 फ्लाईओवर बनाए गए हैं. कसारा घाट पर इस प्रोजेक्ट की सबसे लंबी सुरंग बनाई गई है, जो इस मार्ग की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को दर्शाता है.
आधुनिक तकनीक से लैस 6 लेन एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे एक 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे है, जिसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसमें इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट्स, सोलर एनर्जी के प्लांट्स, और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, जिससे यह भविष्य के ट्रैफिक और टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
महाराष्ट्र को मिलेगा नया विकास पथ
मुंबई और नागपुर के बीच यह महामार्ग न केवल ट्रैवल को आसान बनाएगा, बल्कि इसके आसपास के क्षेत्रों में नए उद्योग, शहरीकरण, और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा. यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र को भविष्य की आर्थिक रफ्तार देने वाला इंजन बन सकता है.