Income Tax Notice: डिजिटल युग में बैंकिंग और पेमेंट सिस्टम जितना तेज़ी से बदला है, उतनी ही तेज़ी से इनकम टैक्स विभाग की निगरानी भी बढ़ी है. आप चाहे ऑनलाइन पेमेंट करें या कैश से कोई बड़ा सौदा – अब हर बड़ा ट्रांजैक्शन आयकर विभाग के रडार पर होता है.
खासतौर पर टैक्स चोरी करने वालों के बैंकिंग व्यवहार पर कड़ी नजर रखी जा रही है. ऐसे में आम नागरिकों के लिए ये जानना ज़रूरी है कि कौन से 6 ट्रांजैक्शन हैं जिनसे जुड़ी लापरवाही आपको इनकम टैक्स नोटिस तक पहुंचा सकती है.
- विदेश यात्रा पर ₹2 लाख से ज्यादा खर्च किया?
अगर आपने एक फाइनेंशियल ईयर में ₹2 लाख से अधिक का खर्च किसी विदेश यात्रा पर किया है, तो यह जानकारी आयकर विभाग को स्वत: मिल जाती है.
इस स्थिति में आपसे इनकम का स्रोत पूछा जा सकता है, और आपकी आय और खर्च का मिलान न होने पर आपको नोटिस भेजा जा सकता है.
- FD में ₹10 लाख या उससे अधिक की राशि जमा की
यदि आपने एक साल में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की रकम फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में जमा की है, तो यह लेन-देन भी आयकर विभाग की नजर में आ सकता है.
इस पर विभाग आपसे इनकम सोर्स का प्रमाण मांग सकता है, और अगर आप संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते, तो कार्रवाई हो सकती है.
- क्रेडिट कार्ड बिल का कैश में ₹1 लाख या अधिक भुगतान
अगर कोई व्यक्ति ₹1 लाख या अधिक की राशि नकद में क्रेडिट कार्ड बिल के रूप में जमा करता है, तो यह ट्रांजैक्शन सीधे टैक्स विभाग की जांच के दायरे में आता है.
इस पर नोटिस के साथ-साथ जुर्माना या दंड भी लगाया जा सकता है, खासकर अगर यह राशि अघोषित या संदिग्ध स्रोत से दी गई हो.
- सेविंग अकाउंट में ₹10 लाख से अधिक की जमा
अगर आप अपने सेविंग बैंक अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में ₹10 लाख से ज्यादा नकद जमा करते हैं, तो बैंक यह जानकारी आयकर विभाग को भेज सकता है.
हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि आपने टैक्स चोरी की है, लेकिन विभाग आपसे पैसा कहां से आया इसका जवाब जरूर मांगेगा.
- प्रॉपर्टी खरीदने में बड़ी कैश पेमेंट
अगर आपने किसी 30 लाख रुपये से अधिक कीमत की संपत्ति (Property) की खरीद में हिस्सा लिया है, तो आयकर विभाग को उसका रिकॉर्ड मिल जाता है.
कुछ मामलों में यह सीमा ₹20 लाख या ₹50 लाख भी हो सकती है. ऐसे मामलों में आपको इनकम सोर्स का खुलासा करना अनिवार्य होता है.
- शेयर और म्यूचुअल फंड में ₹10 लाख से ज्यादा का निवेश
यदि आप किसी वित्तीय वर्ष में शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में ₹10 लाख या अधिक का निवेश करते हैं, तो चाहे आपने इसकी जानकारी न दी हो, यह विवरण स्वत: IT विभाग के सिस्टम में पहुंच जाता है.
बिना घोषित इनकम के ऐसे निवेश पर भी विभाग आपको नोटिस भेज सकता है और इनकम का स्रोत पूछ सकता है.