Zero Income Families: हरियाणा में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है . परिवार पहचान पत्र (PPP) से जुड़े CRID (सिटिजन रिसोर्स इंफॉर्मेशन डिपार्टमेंट) की रिपोर्ट के मुताबिक, 50 हजार 108 परिवारों ने अपनी सालाना आय को शून्य बताया है . यह जानकारी 13 मई 2025 की शाम तक के आंकड़ों के आधार पर सामने आई है .
PPP डाटा पर सरकार की कड़ी नजर
जब यह खबर सामने आई कि इतनी बड़ी संख्या में परिवारों ने अपनी वार्षिक आय को ‘शून्य’ घोषित किया है, तो राज्य सरकार ने तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए . अधिकारियों को आशंका है कि गलत जानकारी देकर कुछ लोग सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे होंगे .
करीब 10 हजार परिवारों की जांच पूरी, बाकी प्रक्रियाधीन
अब तक की जानकारी के अनुसार, करीब 10 हजार परिवारों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि बाकी 39 हजार से ज्यादा मामलों की जांच अभी चल रही है . सरकार का फोकस यह पता लगाने पर है कि इन परिवारों ने वाकई में सही जानकारी दी है या नहीं .
शिक्षकों को दी गई जांच की जिम्मेदारी
सरकार ने इस जांच को समय पर और निष्पक्ष रूप से पूरा करने के लिए स्कूल शिक्षकों को वालंटियर के रूप में नियुक्त किया है . ये शिक्षक घर-घर जाकर परिवारों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा कर रहे हैं .
जांच में 12 बिंदुओं को शामिल किया गया
इस व्यापक जांच प्रक्रिया में 12 अहम बिंदुओं को शामिल किया गया है . इसमें निम्नलिखित जानकारियां ली जा रही हैं:
परिवार के मुखिया और सभी सदस्यों की कुल आय
- आय के स्रोत (Income Source)
- वार्षिक औसत आय
- संपत्ति की स्थिति
- प्रॉपर्टी आईडी डिटेल्स
- बैंक खाते और अन्य आर्थिक दस्तावेज
वाहनों और अन्य संपत्तियों की भी हो रही पड़ताल
सरकार यह भी देख रही है कि परिवार के पास वाहन, जमीन या अन्य मूल्यवान संपत्ति तो नहीं है . यदि किसी परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर पाई जाती है और उन्होंने झूठी जानकारी दी है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है .
लाभ की हकदारी तय करने की कवायद
यह जांच इसलिए भी अहम है क्योंकि सरकार विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं में लाभ देने से पहले यह तय करना चाहती है कि कौन सही मायनों में पात्र है और कौन नहीं . गलत जानकारी देकर योजना का लाभ उठाना कानूनी अपराध माना जाएगा .
PPP सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल
इस पूरे मामले ने PPP डाटा की पारदर्शिता और प्रामाणिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं . यह देखना होगा कि सरकार इस जांच को कितनी गंभीरता से लेती है और सिस्टम को सुधारने की दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं .