Liquor Price Cut: झारखंड सरकार ने राज्य में शराब की खुदरा बिक्री को निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है . इसके साथ ही थोक बिक्री की जिम्मेदारी झारखंड बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के पास रहेगी . नई उत्पाद नीति 2025 के तहत सरकार ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनसे आयातित शराब सस्ती हो सकती है, जबकि बीयर और देशी शराब के दामों में आंशिक बदलाव की संभावना जताई जा रही है .
नई नीति को मिली कैबिनेट से मंजूरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई . इसमें सबसे प्रमुख रहा – झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री के लिए दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2025 .
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि नई नीति के तहत शराब की दुकानें अब निजी क्षेत्र को सौंपी जाएंगी, और इसके लिए लॉटरी सिस्टम लागू किया जाएगा .
आयातित शराब सस्ती होगी, देशी शराब की बिक्री बढ़ेगी
- नई नीति के अनुसार, विदेशी शराब पर वैट दर में भारी कटौती की गई है . इससे आयातित शराब की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है .
- दूसरी ओर, सरकार ने देसी शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए उत्पाद राजस्व दर में कमी की है . इससे देसी शराब की कीमत अब अवैध महुआ चुलाई शराब के बराबर हो जाएगी .
सरकार के आकलन के मुताबिक
- आयातित शराब की बिक्री में 250% तक वृद्धि संभव है
- देसी शराब की बिक्री में 500% तक उछाल आने की संभावना है
- बीयर की कीमत में करीब 10 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है
कुल 1453 दुकानें होंगी निजी हाथों में, मिलेगा लॉटरी से आवंटन
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव मनोज कुमार ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य में 1453 शराब दुकानें चल रही हैं .
- नई नीति के तहत:
- दुकानें लॉटरी प्रणाली से आवंटित की जाएंगी
- एक व्यक्ति को अधिकतम 36 दुकानें मिल सकती हैं
- राज्य के सभी जिलों में भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी
एमआरपी से अधिक वसूली पर होगी सख्ती
मनोज कुमार ने यह भी बताया कि कई दुकानों में एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचे जाने की शिकायतें मिली हैं .
- नई नियमावली लागू होने के बाद:
- इस तरह की गैरकानूनी वसूली पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
- निगरानी तंत्र को और मजबूत किया जाएगा
- ग्राहक को निर्धारित मूल्य पर ही शराब उपलब्ध कराने की गारंटी होगी
नई व्यवस्था लागू होने में लगेगा एक महीना
विभागीय सचिव ने कहा कि नई उत्पाद नीति को पूरी तरह लागू करने में कम से कम एक माह का समय लग सकता है . इस दौरान लॉटरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी आवंटन, मूल्य निर्धारण और निगरानी प्रणाली को अंतिम रूप दिया जाएगा