Bank Acount Limit: देश के बैंकों में रोजाना करोड़ों उपभोक्ता लेन-देन करते हैं, लेकिन इनमें से बहुत से लोग बैंकिंग और आयकर नियमों की जानकारी नहीं रखते. यदि आप भी नियमित रूप से बैंक का उपयोग करते हैं तो यह जानना जरूरी है कि कितनी राशि तक जमा या निकासी करने पर आयकर विभाग की नजर आप पर पड़ सकती है.
कौन-कौन से बैंक खाते होते हैं?
भारत में बैंक खाते मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
- सेविंग अकाउंट (Saving Account): यह आमतौर पर वेतनभोगियों और आम नागरिकों के लिए होता है.
- सैलरी अकाउंट (Salary Account): यह भी सेविंग अकाउंट की ही श्रेणी में आता है.
- करंट अकाउंट (Current Account): यह व्यवसायियों और व्यापारियों के लिए होता है, जिसमें लेन-देन की सीमा अधिक होती है.
हर लेन-देन की होती है निगरानी
बैंक में कैश जमा और निकासी की हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है. इनकम टैक्स विभाग ऐसे लेन-देन की जानकारी लेता है जो तय सीमा से अधिक होते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि ग्राहक नियमों के दायरे में रहकर ही नकद लेन-देन करें.
कैश जमा की सीमा और पैन नंबर की अनिवार्यता
अगर आप बैंक में 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा करना चाहते हैं, तो आपको PAN नंबर देना अनिवार्य होगा.
- एक दिन में आमतौर पर अधिकतम 1 लाख रुपये तक कैश जमा किया जा सकता है.
- कुछ विशेष परिस्थितियों में यह सीमा 2.5 लाख रुपये तक पहुंच सकती है.
- एक साल में सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से ज्यादा नकद जमा करने पर आपका खाता इनकम टैक्स की रडार पर आ सकता है.
इनकम टैक्स पूछ सकता है सोर्स
अगर आपने एक वित्तीय वर्ष में सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा किया, तो बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को भेजता है. इसके बाद विभाग आपसे आय का स्रोत पूछ सकता है.
यदि आप संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं, तो विभाग भारी जुर्माना और टैक्स वसूली कर सकता है.
चेक से जमा करने की सीमा अलग
चेक के माध्यम से आप कितनी भी राशि जमा कर सकते हैं. इस पर कोई तय सीमा नहीं होती, लेकिन अगर किसी लेन-देन में संदेहास्पद गतिविधि पाई जाती है, तो बैंक या आयकर विभाग जांच कर सकता है.
सेविंग अकाउंट में कितने रुपये रख सकते हैं?
सेविंग अकाउंट में रखने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है. आप चाहे जितना भी बैलेंस रखें, लेकिन यदि राशि बड़ी है, तो आपको उसके स्रोत और टैक्स भुगतान की जानकारी देनी होगी. अधिक ब्याज मिलने की स्थिति में टीडीएस भी कट सकता है.
नकद निकासी पर भी है नियम
बैंक से बड़ी राशि की निकासी पर भी नियम लागू होते हैं. अगर आप चेक या फॉर्म के जरिए ज्यादा नकद निकालते हैं, तो बैंक TDS (Tax Deducted at Source) काट सकता है.
यह कटौती तभी होती है जब आप आयकर रिटर्न फाइल नहीं करते, या निकासी की राशि बहुत अधिक हो.
नियमों का उल्लंघन पड़ा तो भारी पड़ेगा
यदि आप बिना आय का स्रोत बताए बड़ी राशि जमा करते हैं और जानकारी नहीं देते हैं, तो आयकर विभाग आपसे:
- 60% टैक्स,
- 25% सरचार्ज,
- और 4% सेस वसूल सकता है.
- यह जुर्माना बहुत अधिक होता है, इसलिए हर ग्राहक को बैंकिंग नियमों और इनकम टैक्स कानूनों की जानकारी होनी चाहिए.