Haryana Panchayat: हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि राज्य सरकार ने गांवों को विकास का केंद्र बनाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है.
सरपंचों को 21 लाख तक खर्च करने की मिली स्वायत्तता
राज्य सरकार ने पंचायतों को अब 21 लाख रुपये तक के विकास कार्य बिना कोटेशन के कराने का अधिकार दिया है. इससे सरपंचों को तेजी से स्थानीय समस्याएं सुलझाने और विकास कार्य करवाने की छूट मिलेगी.
इसके अलावा, सरकार ने जिला परिषदों को सीधे फंड जारी कर उन्हें विभिन्न विभागीय योजनाओं को क्रियान्वित करने का अधिकार भी सौंपा है.
पंचायती दिवस पर हुआ बड़ा ऐलान
पंचायत मंत्री ने बताया कि 24 अप्रैल को प्रदेश में राष्ट्रीय पंचायती दिवस को भव्य रूप से राज्य स्तरीय कार्यक्रम के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ‘राज्य ग्राम उत्थान समारोह’ के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानित किया.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 368 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जो कि ग्राम पंचायतों की दिशा और दशा बदलने में निर्णायक साबित होंगे.
गांवों को बनाया जा रहा विकास का मॉडल
कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि हरियाणा में पहली बार पंचायती राज संस्थाओं को इतनी सशक्त और भागीदारीपूर्ण भूमिका दी जा रही है. यह सत्ता के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास है.
गांवों के चहुंमुखी विकास पर फोकस करते हुए बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे ग्रामीण जीवन स्तर में स्पष्ट सुधार देखा जा रहा है.
गांवों की फिरनियों में दूधिया रोशनी
सरकार की योजनाओं के तहत गांवों की फिरनियों (आंतरिक गलियों) को पक्का किया जा रहा है. वहां स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा रही हैं, जिससे रात के समय दूधिया रोशनी से गांव चमकने लगे हैं. इससे ग्रामीणों को सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण मिल रहा है.
पेयजल, तालाब और बच्चों के लिए लाइब्रेरी की सुविधा
राज्य सरकार स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, तालाबों के सौंदर्यीकरण और बच्चों के लिए लाइब्रेरी निर्माण जैसे कार्यों पर भी विशेष ध्यान दे रही है. इन सुविधाओं से ग्रामीण शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक ढांचे को मजबूती मिल रही है.
नई सरकार की नई प्राथमिकता
हरियाणा सरकार अब गांवों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए गंभीर है. पंचायतों को वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता देकर, स्थानीय स्तर पर योजनाओं की तेज़ी से क्रियान्विति सुनिश्चित की जा रही है. यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बन सकता है.