Board digital service: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने छात्रों की सुविधा के लिए एक और बड़ा डिजिटल कदम उठाया है. अब 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए छात्र अपनी उत्तरपुस्तिका (Answer Sheet) की फोटोकॉपी और खोई हुई मार्कशीट को ऑनलाइन माध्यम से मंगवा सकते हैं. यह सुविधा विशेषकर उन छात्रों के लिए मददगार है, जो अपने परीक्षा परिणाम को लेकर असंतुष्ट हैं या डुप्लीकेट दस्तावेजों की जरूरत महसूस कर रहे हैं.
उत्तरपुस्तिका की फोटोकॉपी के लिए अब लाइन में लगने की जरूरत नहीं
12वीं के छात्र अब परिणाम जारी होने की तारीख से 60 दिनों के भीतर उत्तरपुस्तिका की कॉपी के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस सेवा के तहत प्रति विषय 500 रुपये शुल्क लिया जाएगा.
यदि उत्तरपुस्तिका में जांच से जुड़ी कोई त्रुटि पाई जाती है, तो बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उसे सही किया जाएगा. यह सेवा रीचेकिंग या रिवैल्यूएशन की तुलना में सरल, तेज और कम खर्चीली मानी जा रही है, जिससे छात्रों को नतीजों के प्रति अधिक पारदर्शिता मिलेगी.
आवेदन के दो तरीके
- छात्र दो माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं:
- नजदीकी अंत्योदय सरल केंद्र पर जाकर आवेदन करें
- घर बैठे ‘सरल हरियाणा पोर्टल’ (https://saralharyana.gov.in) पर लॉगिन करें
- ऑनलाइन आवेदन के लिए छात्रों को कुछ आवश्यक दस्तावेज देने होंगे जैसे:
- रोल नंबर
- आधार कार्ड
- फैमिली आईडी
- एक अंडरटेकिंग (शपथ पत्र)
1970 के बाद का रिकॉर्ड पूरी तरह डिजिटल
HBSE ने 1970 के बाद से सभी छात्र रिकॉर्ड को पूरी तरह डिजिटलाइज कर दिया है. अब छात्रों को डुप्लीकेट मार्कशीट या माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए भिवानी बोर्ड कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
छात्र या तो ये दस्तावेज नजदीकी सरल केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं या डाक के माध्यम से अपने घर पर मंगवा सकते हैं. यह सुविधा खासतौर पर उन छात्रों के लिए राहत भरी है जो राज्य से बाहर पढ़ाई कर रहे हैं या जॉब के सिलसिले में बाहर रह रहे हैं.
खोई हुई मार्कशीट के लिए नई शुल्क प्रणाली
अगर किसी छात्र की 8वीं, 10वीं, 12वीं, HTET या D.El.Ed की मार्कशीट खो गई है, तो वह अब सरल पोर्टल के जरिए डुप्लीकेट कॉपी के लिए आवेदन कर सकता है.
शुल्क जानकारी इस प्रकार है:
- डाक से कॉपी मंगवाने पर ₹500 का शुल्क
- हाथों-हाथ प्राप्त करने पर ₹800 का शुल्क
- दूसरी और तीसरी कॉपी के लिए क्रमशः ₹800 और ₹1300 तक का शुल्क
यह प्रणाली पूरी तरह पारदर्शी और समय की बचत करने वाली है, जिससे छात्रों को राहत मिलेगी और प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की संभावना भी घटेगी.