12वीं का रिजल्ट खराब आने वाले स्कूलों पर कार्रवाई, 100 से ज्यादा स्कूलों की लिस्ट तैयार HBSE Board Result Zero

HBSE Board Result Zero: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा हाल ही में घोषित कक्षा 12वीं के परिणाम में एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है. पूरे प्रदेश में जहां औसत पास प्रतिशत 85.66% रहा, वहीं कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां एक भी छात्र पास नहीं हो पाया. बोर्ड ने ऐसे 100 से ज्यादा स्कूलों की सूची तैयार कर शिक्षा निदेशालय को भेज दी है, जिनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा.

18 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं हुआ पास

बोर्ड चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने बताया कि 18 स्कूलों का परिणाम शून्य रहा है. इन स्कूलों में छात्रों की संख्या बेहद कम रही, फिर भी एक भी छात्र पास नहीं हो सका.
उदाहरण के तौर पर, एक स्कूल में 13 छात्र परीक्षा में शामिल हुए, लेकिन सभी फेल हो गए. ऐसे नतीजे स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.

100 से अधिक स्कूलों का रिजल्ट 35% से भी कम

बोर्ड ने एक विस्तृत विश्लेषण रिपोर्ट शिक्षा विभाग और मंत्रालय को भेजी है. इसमें बताया गया है कि करीब 100 ऐसे स्कूल हैं जिनका पास प्रतिशत 35% से भी कम रहा.
इस लिस्ट में सरकारी और कुछ निजी स्कूल शामिल हैं. खराब परिणामों के पीछे की वजहें जानने के लिए अब विस्तृत जांच और विश्लेषण की तैयारी की जा रही है.

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कम प्रदर्शन वाले स्कूलों पर विशेष नजर

  • बोर्ड का मानना है कि इन स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था, शिक्षक प्रशिक्षण और छात्र सहभागिता जैसे मुद्दों पर गंभीर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
  • इसी के तहत, इन स्कूलों के शिक्षकों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित करने की सिफारिश की गई है ताकि उनके शिक्षण में सुधार लाया जा सके.

क्या कहा बोर्ड चेयरमैन ने?

बोर्ड चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने स्पष्ट किया कि, “कम परिणाम वाले स्कूलों की जिम्मेदारी सिर्फ छात्रों की नहीं बल्कि शिक्षकों और पूरे शैक्षणिक तंत्र की होती है.”
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को छात्रों और अभिभावकों से सीधा संवाद करना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि परिणाम इतने खराब क्यों रहे.

छात्रों की कम संख्या कोई बहाना नहीं

  • बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जिन स्कूलों का परिणाम शून्य रहा, उनमें अधिकांश में छात्र संख्या 1 से 2 के बीच रही.
  • लेकिन कुछ स्कूलों में छात्र संख्या अधिक होने के बावजूद भी कोई पास नहीं हुआ.
  • यह दर्शाता है कि समस्या सिर्फ संख्या की नहीं, बल्कि शिक्षण की गुणवत्ता की है.

आगे की कार्रवाई क्या होगी?

  • बोर्ड ने कहा है कि शिक्षा निदेशालय इन स्कूलों की गहन जांच करेगा.
  • जिन शिक्षकों के विषयों में लगातार खराब प्रदर्शन रहा है, उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  • शिक्षा विभाग इन स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए एक अलग तंत्र विकसित करने पर विचार कर रहा है.

शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की जरूरत

यह घटना दर्शाती है कि बोर्ड परीक्षा का उच्च औसत परिणाम वास्तविकता को पूरी तरह नहीं दर्शाता.
कुछ स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर स्थिति में है, जिसे सुधारने के लिए तत्काल हस्तक्षेप आवश्यक है.

अभिभावकों और छात्रों के लिए संदेश

  • यदि आपका बच्चा भी ऐसे किसी स्कूल में पढ़ रहा है, तो सतर्क रहें.
  • स्कूल का परिणाम जानना जरूरी है
  • शिक्षक-छात्र संवाद कितना प्रभावी है, यह देखें
  • बच्चों की अकादमिक प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दें

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