Air Conditioner Eletricity Consume: उत्तर भारत में गर्मी ने अब धीरे-धीरे अपने चरम की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है. अगले कुछ दिनों में तापमान और अधिक बढ़ने की संभावना है, जिससे लोग हीटवेव और उमस से बेहाल होंगे. इस तपिश से राहत पाने के लिए लोग एयर कंडीशनर (AC) का सहारा लेते हैं, लेकिन इसके साथ आती है बिजली बिल की चिंता.
AC चलाने के बावजूद बढ़ता बिल क्यों?
अक्सर लोगों को यह शिकायत करते हुए सुना जाता है कि 5 स्टार रेटिंग वाला एसी होने के बावजूद बिजली का बिल अधिक आता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार समस्या एसी में नहीं बल्कि हमारी लापरवाही में होती है. कुछ बातों का ध्यान रखकर बिजली की खपत को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
- एसी की नियमित सफाई है जरूरी
एक्सपर्ट शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि एसी के एयर फिल्टर्स की नियमित सफाई जरूरी है. अगर फिल्टर गंदे होंगे तो एयरफ्लो प्रभावित होगा, जिससे कमरा देर से ठंडा होगा और बिजली ज्यादा खर्च होगी. जरूरत पड़ने पर फिल्टर को बदला भी जा सकता है.
इसके साथ ही एसी की सर्विसिंग समय-समय पर कराना और लीकेज की जांच करना बेहद जरूरी है, क्योंकि लीकेज से कंप्रेसर पर दबाव बढ़ता है और ऊर्जा खपत अधिक होती है.
- एसी का टेंपरेचर सही से सेट करें
बहुत से लोग कमरे को जल्दी ठंडा करने के लिए एसी का तापमान 16-18 डिग्री तक सेट कर देते हैं, जो कि गलत है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, 22 से 26 डिग्री सेल्सियस का टेंपरेचर सबसे उपयुक्त होता है.
टाइमर का उपयोग कर सकते हैं ताकि एक निर्धारित समय के बाद एसी बंद हो जाए. इसके साथ कम स्पीड पर पंखा चलाना कमरे में ठंडी हवा को फैलाने में मदद करता है.
- एसी मोड्स का सही इस्तेमाल करें
अधिकतर लोग एसी के अलग-अलग मोड्स का इस्तेमाल नहीं करते, जबकि यह बिजली बचाने का कारगर उपाय है. उदाहरण के तौर पर,
- गर्मी में कूल मोड,
- बरसात में ड्राई मोड
का इस्तेमाल करना चाहिए.
इन मोड्स से एसी कम बिजली में भी प्रभावी कूलिंग देता है.
- इन्वर्टर एसी का करें चुनाव
इन्वर्टर एसी पारंपरिक नॉन-इन्वर्टर एसी से कहीं अधिक ऊर्जा कुशल होते हैं. एक्सपर्ट शैलेंद्र शर्मा बताते हैं कि इन्वर्टर एसी कमरे के तापमान के अनुसार खुद को एडजस्ट करता है और कम बिजली खर्च करता है.
नॉन-इन्वर्टर एसी हमेशा फुल पावर पर चलता है, जिससे बिजली की खपत बढ़ जाती है. जिन लोगों के पास पुराने एसी हैं, उन्हें इन्वर्टर एसी में स्विच करने की सलाह दी जाती है.
- कमरे को रखें पूरी तरह से सील
तकनीकी उपायों के अलावा, कमरे की पैकिंग भी बहुत जरूरी है. अगर खिड़की और दरवाजों से हवा बाहर निकलती है, तो कूलिंग व्यर्थ चली जाती है.
एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि कमरे में मोटे पर्दों का इस्तेमाल करें, ताकि धूप सीधे अंदर न आए. इससे एसी को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और कम समय में बेहतर ठंडक मिलेगी.
छोटा बदलाव, बड़ी बचत
इन आसान और व्यावहारिक उपायों को अपनाकर आप अपने बिजली बिल में बड़ी कटौती कर सकते हैं. साथ ही, एसी की लाइफ भी बढ़ेगी और कूलिंग ज्यादा प्रभावी होगी. गर्मी के मौसम में राहत पाने के लिए सिर्फ एसी चलाना काफी नहीं, बल्कि उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना भी जरूरी है.