Natural Farming Project: हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक नई और दूरगामी पहल की है, जिसका मकसद है—प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और पर्यावरण के साथ-साथ किसानों की आय में सुधार करना .
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकृति दे दी है, जिसके तहत सरकारी भूमि पर प्राकृतिक खेती का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा .
जठेरी गांव में होगी परियोजना की शुरुआत
इस योजना की शुरुआत कुरुक्षेत्र जिले के पुंडरी खंड के गांव जठेरी से की जा रही है .
यहां 53 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती की मॉडल प्रणाली लागू की जाएगी .
यह भूमि कृषि और किसान कल्याण विभाग के स्वामित्व में है और इस पर किसी प्रकार की निजी कृषि नहीं की जाती .
क्यों जरूरी है प्राकृतिक खेती?
प्राकृतिक खेती एक ऐसी प्रणाली है जिसमें रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता .
इसके स्थान पर गोबर, गोमूत्र, जैविक खाद और प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग किया जाता है .
इससे मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है, उत्पादन में स्वस्थता बनी रहती है और खेती की लागत घटती है .
हरियाणा सरकार का मानना है कि इससे कृषकों की आय में भी इजाफा होगा .
पर्यावरणीय सुधार और किसान हित दोनों पर फोकस
- यह परियोजना मिट्टी की सेहत को सुधारने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है .
- प्राकृतिक खेती से भूमि की नमी बनी रहती है, जल संरक्षण बेहतर होता है और भूमिगत जल स्तर को भी मदद मिलती है .
- इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार इस मॉडल को अन्य जिलों में भी विस्तारित करने की योजना पर काम कर रही है .
किसानों के लिए बनेगा एक प्रशिक्षण मॉडल
- जठेरी गांव में बनने वाला यह प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट केवल खेती ही नहीं, बल्कि एक ‘प्रशिक्षण केंद्र’ के रूप में भी कार्य करेगा .
- यहां अन्य जिलों से किसान आकर प्राकृतिक खेती की तकनीक, प्रयोग और लाभ के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे .
- राज्य सरकार इसे एक मॉडल फार्म के रूप में विकसित करेगी, जो आने वाले वर्षों में हरियाणा के कृषि परिदृश्य को बदलने में अहम भूमिका निभा सकता है .
सरकारी जमीन के सार्थक उपयोग की पहल
- अब तक कृषि विभाग की कई सरकारी जमीनें बिना उपयोग के पड़ी थीं, लेकिन अब इनका उपयोग खेती के मॉडल, रिसर्च और प्रयोगात्मक खेती के लिए किया जाएगा .
- इससे न केवल भूमि की उपयोगिता बढ़ेगी, बल्कि कृषि विज्ञानियों और छात्रों को भी प्रयोग करने का अवसर मिलेगा .
मुख्यमंत्री की सोच: हर खेत, स्वस्थ खेत
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य है कि हर खेत जैविक और टिकाऊ उत्पादन की ओर बढ़े .
सरकार की यह नीति कृषक हितैषी, पर्यावरण-संवेदनशील और आर्थिक दृष्टि से प्रभावी है .
यदि यह पायलट सफल होता है तो राज्यभर के किसानों को प्रोत्साहन योजनाओं के तहत इसमें जोड़ा जाएगा .
भविष्य की योजना
- अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो सरकार इसे हर जिले में लागू करने की दिशा में काम करेगी .
- इससे हरियाणा प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है .
- कृषि नीति विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी योजनाएं ही भारत को आत्मनिर्भर कृषि की ओर ले जा सकती हैं .