Zomato Employee Salary: जोमैटो, स्विगी, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों में काम करने वाले लाखों गिग वर्कर्स के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है . सरकार की नई योजना के तहत इन कर्मचारियों को पेंशन देने की तैयारी की जा रही है . सूत्रों के अनुसार, सीएनबीसी आवाज ने बताया है कि ओला, उबर और अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों ने इस प्रस्ताव पर सहमति भी दे दी है . यह प्रस्ताव अगले महीने कैबिनेट में भेजा जा सकता है .
कौन होते हैं गिग वर्कर्स?
गिग वर्कर्स ऐसे कर्मचारी होते हैं जो किसी संस्थान या कंपनी के साथ स्थायी नहीं, बल्कि कॉन्ट्रैक्ट या टास्क बेसिस पर काम करते हैं .
इनमें शामिल होते हैं:
- डिलीवरी एजेंट (जैसे जोमैटो, स्विगी, फ्लिपकार्ट)
- कैब ड्राइवर (ओला, उबर)
- फ्रीलांसर, कंटेंट क्रिएटर, ऑनलाइन ट्यूटर
- किसी प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी
इन्हें “काम के बदले भुगतान” के आधार पर पैसे मिलते हैं . इन्हें अब तक किसी भी तरह की पेंशन या सामाजिक सुरक्षा की सुविधा नहीं मिलती थी .
पेंशन योजना को लेकर क्या है सरकार की योजना?
सरकार की योजना है कि गिग वर्कर्स को भी ईपीएफओ (EPFO) जैसी योजना के तहत पेंशन का लाभ दिया जाए . इसके तहत:
- कंपनियों को अपने स्तर पर एक निश्चित राशि योगदान करना होगा
- यह राशि सीधे ईपीएफओ खाते में जमा कराई जाएगी
- गिग वर्कर्स को पेंशन के दो विकल्प दिए जाएंगे—जैसे मासिक या एकमुश्त राशि
- इस पहल के पीछे मकसद है कि इन कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मिल सके .
बजट में भी हुई थी गिग वर्कर्स के लिए घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के आम बजट में गिग वर्कर्स की चिंता को समझते हुए उनके लिए एक स्पेशल प्लेटफॉर्म बनाने की बात कही थी . इस प्लेटफॉर्म के जरिए:
- गिग वर्कर्स की पहचान और रजिस्ट्रेशन किया जाएगा
- उन्हें स्वास्थ्य बीमा, पेंशन और अन्य सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा
- यह डिजिटल प्लेटफॉर्म गिग वर्कर्स की सोशल सिक्योरिटी सुनिश्चित करेगा
कंपनियों ने दिखाई सहमति, जल्द हो सकता है फैसला
सूत्रों के मुताबिक, अमेजन, जोमैटो, उबर, ओला जैसी कई बड़ी कंपनियों ने इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है . वे चाहती हैं कि इनके कर्मचारियों को भी सुरक्षा और स्थायित्व मिले .
कंपनियों का योगदान और गिग वर्कर की भागीदारी मिलाकर यह योजना लागू की जाएगी . उम्मीद है कि जून 2025 तक यह प्रस्ताव कैबिनेट में पास हो सकता है .
क्यों जरूरी है यह कदम?
देश में तेजी से बढ़ रही गिग इकॉनमी में अब लाखों युवा काम कर रहे हैं . लेकिन इनकी आय अनिश्चित और सुविधा रहित होती है .
- न पेंशन
- न पीएफ
- न बीमा
ऐसे में काम के बाद कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होती, जिससे रिटायरमेंट या आपातकाल में समस्याएं बढ़ सकती हैं . यही वजह है कि अब सरकार इसे लेकर गंभीर हुई है .